Studies on Eco-friendly Management of False Smut in Basmati Rice
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Sardar Vallabh Bhai Patel University of Agriculture & Technology, Meerut
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चावल (ओराइजा सेटाइवा एल.) दुनया भर के 3 बलयन से अधक लोग के लए सबसे महवपूण
खायान फसल है। गेहूं के बाद चावल दूसर सबसे महवपूण खाय फसल है, जो दुनया क
लगभग 45% आबाद को खलाती है। खेती कए जाने वाले चावल दो कार के होते ह, सुगंधत
और गैर-सुगंधत चावल। भारत दुनया म बासमती चावल का सबसे बड़ा उपादक और नयातक
देश है। चावल क फसल वभन जैवक और अजैवक कारक से भावत होती है। जैवक कारक
म वभन कार क बीमारयाँ जैसे कवक, बैटरया, वायरस और नेमाटोड जनत बीमारयां
शामल ह। उनम से, चावल का झूठा कांडूआ आजकल चतं ा का मुख वषय बन गया है। इस े
चावल के छम या हरे कांडूआ रोग के प म भी जाना जाता है। यह रोग दुनया के सभी चावल
उगाने वाले देश म पाया जाता है। यह चावल क फसल के शुआती फूल नकलने के समय
फसल को भावत करता है। झूठा कांडूआ के कारण औसत वाषक नुकसान 35 से 40%
अनुमानत कया गया है। रोग को नयंत करने क दशा म टकाऊ िटकोण से जैव नयंक
का उपयोग हो सकता है। ाइकोडमा जात वभन फसल को भावत करने वाले रोगजनक
के बंधन के लए एक भावी जैवक नयंण एजट ह। वतमान अययन के तहत बासमती धान
के झूठे कांडूआ के खलाफ वभन बायोएजट और कवकनाशक क भावकारता का परण
करने के लए कया गया था। ट.हािज़यानम का एस.वी.-1 वभेद सबसे भावी था, उसके बाद
ट.हािज़यानम एस.वी.-18 वभेद था, िजसम रोग क गंभीरता सबसे कम थी और साथ ह
बायोएजट म फसल क उपज म भी वृध देखी गई । पांच अलग-अलग फफूंदनाशक का .
फसल क बूटंग अवथा, 50% फूल अवथा और 100% फूल अवथा म पय पर छड़काव
कया गया, जैसे क ोपकोनाज़ोल 25 ई.सी., मैकोज़ेब 75% डयू.पी., टेबुकोनाज़ोल 25 ई.सी.,
हेसाकोनाज़ोल 5% एस.सी., थयोफ़ेनेट मथाइल 70% डयू.पी. इनम से ोपकोनाज़ोल 25
ई.सी. सबसे कम रोग गंभीरता के साथ सबसे अछा पाया गया। नाइोजन उवरक क वभन
खुराक के संबंध म 60 का/हेटेयर नाइोजन के परणामवप रोग क गंभीरता यूनतम
पायी गई 80 का/हेटेयर नाइोजन देने के परणामवप भी रोग गंभीरता कम पायी गई ।
यह देखा गया क बायोएजट के उपयोग से रोग क गंभीरता म उलेखनीय कमी आई और फसल
क उपज म भी वृध हुई।